Pranay Vaastav
किताब: एक हमसफ़र

किताब: एक हमसफ़र

यह कविता हमें बताती है कि किताब पढ़ने से ज़िंदगी का बेरंग सफ़र भी ख़ूबसूरत हो जाता है और कैसे हम किताब की काल्पनिक दुनिया में खो जाते हैं।

पुलवामा

पुलवामा

पेश है एक साधारण देशवासी के दिल से निकले श्रद्धांजलि के कुछ शब्द, उन वीरों के लिए जिन्होंने अपने देश-प्रेम की मिसाल क़ायम करते हुए पुलवामा में शहादत हासिल की।

आँखों की नज़ाकत

आँखों की नज़ाकत

इस कविता में कवि ने एक प्रेमी के दृष्टिकोण से अपनी प्रेमिका की आँखों की तारीफ़ करते हुए अपने दिल के जज़्बातों को बयाँ किया है |

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